Bharatiya Ekta Sangathan
BHARATIYA EKTA EK VICHAR HAI JO JATI AUR DHARMA SE UPAR DESH KO PREM KARTE HAI. UN SAB KA SWAGAT HAI BHARATIYA EKTA KE ES MANCH PAR
Friday, April 18, 2014
Tuesday, September 3, 2013
संगठन की बैठक सम्पन्न
भारतीय एकता संगठन की एक बैठक पिछले रविवार को नालासोपारा में हुयी , जिसमे संगठन के उपाध्यक्ष मिथिलेश मिश्र की अगुवाई में संगठन को मुंबई और महारास्ट्र में सक्रिय करने का विचार रखा गया , संगठन की योजनावो के बारे में विस्तार से विस्तार से बताने के लिए संगठन के संयोजक राहुल मिश्र उपस्थित रहे , बैठक में संगठन की महारास्ट्र शाखा प्रारम्भ करने पर जोर दिया गया , बैठक में निम्न समलित हुए ,
राहुल मिश्र सन्सथापक भारतीय एकता संगठन संयोजक एकता सेवा संस्थान ,
मिथिलेश मिश्र -उपाध्यक्ष भारतीय एकता संगठन
छाया मिश्र ,, अंकित कुमार दुबे ,विकाश पाण्डेय ,सूरज मिश्र ,आशीष कुमार तिवारी ,, दिनेश तिवारी , ओम प्रकाश यादव ,यादव , राहुल पाठक ,सर्वेश तिवारी , सतीश द्विवेदी,लखन , रोहित सहित करीब काफी संगठन के सदस्य उपस्थित रहे ,
ये बैठक पते पर सम्पन्न हुयी ,
गुरुकृपा बिल्डिंग , ओशवाल नगर , नालासोपारा पूर्व
जल्द ही संगठन से जुड़े लोगो को यहाँ पर संगठन की योजनावो का लाभ मिलने लगेगा ,
संगठन से जुड़ने के लिए हमें मेल करे या कॉल करे ,
कॉल करे -
मिथिलेश मिश्र -9209536169
राहुल मिश्र - 7709576482,9695320885
जल्द ही संगठन का प्रवेश फार्म उपलब्ध होगा ,
सौजन्य से -
भारतीय एकता संगठन
Thursday, August 2, 2012
जीवन की धारा
संसार
में रोज ही नए-नए संकट पैदा होते रहते हैं। कोई एक क्षेत्र इसके लिए तय
नहीं होता। इसके समाधान के लिए हमें लगातार प्रयत्न करने होंगे। जब हम एक
समस्या से छुटकारा पा रहे होते हैं, तब दूसरी समस्या दस्तक देने के लिए आ
रही होती है। लेकिन कई बार हम निराश हो जाते हैं।
विशाल दृष्टि रखकर सोचें। परमात्मा ने इतना बड़ा संसार बनाया, उसमें कोई न कोई संकट आता ही रहता है। इसीलिए वह परमशक्ति लगातार प्रयत्नशील रहती है। धर्मो में अवतारों की कल्पना उसी क्रियाशील शक्ति का प्रतीक है।
विशाल दृष्टि रखकर सोचें। परमात्मा ने इतना बड़ा संसार बनाया, उसमें कोई न कोई संकट आता ही रहता है। इसीलिए वह परमशक्ति लगातार प्रयत्नशील रहती है। धर्मो में अवतारों की कल्पना उसी क्रियाशील शक्ति का प्रतीक है।
अपनी उस शक्ति को सूर्य के रूप में स्थापित करके हमें यह शिक्षा दी है
कि अपने तेज प्रकाश को लगातार परिभ्रमण करते हुए सबमें बांटें।
धरती न सिर्फ देती है, बल्कि क्रियाशील भी रहती है। धरती सूर्य का चक्कर लगाती है, बादल अपने वेग से चलते हैं। वायु कभी विश्राम नहीं करती। नदियां बाधाओं को पार कर अपने मुकाम समुद्र तक पहुंच जाती हैं।
धरती न सिर्फ देती है, बल्कि क्रियाशील भी रहती है। धरती सूर्य का चक्कर लगाती है, बादल अपने वेग से चलते हैं। वायु कभी विश्राम नहीं करती। नदियां बाधाओं को पार कर अपने मुकाम समुद्र तक पहुंच जाती हैं।
समुद्र अपनी गहराई तक क्रियाशील है। प्रकृति के ये सारे रूप हमें संदेश
दे रहे हैं कि लगे रहो, रुको मत। धर्म और अध्यात्म ने कर्म को इसीलिए तप
से जोड़ा है।
केवल करने के लिए काम न करें। हमारे यहां साधु-संतों ने भी तप को दो भागों में बांटा है - एक बाहरी तप और दूसरा भीतरी तप। जो कमर्कांड हम करते हैं, धार्मिक रूप से सक्रिय रहते हैं, यह बाहरी तप है, इसमें शरीर जुड़ा हुआ है।
केवल करने के लिए काम न करें। हमारे यहां साधु-संतों ने भी तप को दो भागों में बांटा है - एक बाहरी तप और दूसरा भीतरी तप। जो कमर्कांड हम करते हैं, धार्मिक रूप से सक्रिय रहते हैं, यह बाहरी तप है, इसमें शरीर जुड़ा हुआ है।
लेकिन यह कर्म नहीं, तप कहलाएगा। इसलिए आध्यात्मिक लोग अपना प्रत्येक
कर्म तप में बदल देते हैं। यही तप जब भीतर उतर जाता है तो योग हो जाता है।
भारतीय एकता संगठन
Thursday, June 14, 2012
जानकारी सदस्यों की
समय हमेशा अपने निर्बाध गति से आगे बढ़ता रहता है , वो दिन हम सब को याद है जब इलाहाबाद के एक गाँव से भारतीय एकता संगठन की नीव रखी गयी थी , उन दिनों को याद कर मै सोचता था क्या भारतीय एकता संगठन अपने मूर्त रूप में कभी एक बड़ा संगठन बन पायेगा जबकि समाज में आज हर तबके के लोग लुट खसोट में लगे है ,
आज आप सबको भारतीय एकता परिवार के कुछ नए लोगो से परिचित करा रहे है /
01- श्री विनीत कुमार झा - मुंगारी
02- कुमारी विजयमाला सिंह - लेबर कालोनी नैनी
03- श्री नदीम खान - उत्तम नगर नई दिल्ली
04- श्री संजय शास्त्री - हरिद्वार
05- श्री अर्पण कुमार सिंह - रक्साओल
06- श्री सचिन काम्बली - पुणे
आप सब को संगठन परिवार से जुड़ने के लिए धन्यवाद आप सब अपने एरिया में समुचित विकास लाने का प्रयास करे भारतीय एकता को बढ़ावा दे यही हमारा मकसद है , संगठन की निगाह में शांति और देश सर्वोपरि है इस बात का हमेशा खास ख्याल रखे /
धन्यवाद
भारतीय एकता संगठन
इलाहाबाद
Monday, September 6, 2010
भारतीय एकता संगठन की वार्षिक बैठक के निर्णय
दोस्तों
काफी समय के बाद आप सब के बीच में संगठन की जानकारी के साथ हाज़िर हो रहा हूँ /
भारतीय एकता संगठन का वार्षिक बैठक १५ अगस्त को संपन्न सकुसल संपन्न हो गया भारतीय एकता संगठन की इस बार की बैठक में कुछ कर्यकर्तावो के पदों में फेरबदल किया गया तो कुछ नए सदस्यों का आगमन भी हुवा सब से पहले भारतीय एकता संगठन से जुड़ने वाले नए सदस्यों के नाम
०१- श्री शिव भूषण मिश्र निवासी -रामपुर करछना ०७- श्री शालिकराम प्रजापति - पिपराव
०२- श्री श्री पती मिश्र निवासी - रामपुर करछना ०८- श्री गोविन्द विशकर्मा -पिपराव
०३- श्री भूपेंद्र शुक्ल निवासी - देवरी कला भीरपुर ०९- श्रीमति उषा मिश्र - रामपुर
०४- श्री अनाम पाण्डेय निवासी - भामोखर १०- श्रीमती डाक्टर रचना निगम - प्रतापनगर
०५- श्रीमति शिरोमणि देवी - निवासी - रामपुर ११- कुमारी अमिता सिंह - लेबर कालोनी नैनी
०६- श्री जीतेन्द्र कुमार मिश्र निवासी सुल्तान पुर १२- कुमारी स्वीटी शुक्ल आनंद नगर नैनी
आप सभी सदस्यों का परिचय पत्र जल्द ही भेजा जा रहा हैं /
भारतीय एकता संगठन की कार्य कारिणी में भी हुए फेरबदल
पुराने पदाधिकारी का नाम पद का नाम नए पदाधिकारी का नाम
०१- श्री कमल त्रिपाठी कार्यालय प्रभारी श्री प्यारेलाल निषाद
०२- श्री संजय शुक्ल खजांची श्री श्री पति मिश्र
०३- श्री गोविन्द दुबे मंत्री श्री शिव भूषण मिश्र
अन्य पदाधिकारी पुराने पद पर बरक़रार रहेंगे / भारतीय एकता संगठन का पुस्तकालय सितम्बर से आम जनता के लिए खोले जायेगे
सौजन्य से -
श्री अजय उपाध्याय और श्री अशोक बेशरम
प्रकाशन मंत्री के सूचना पर
रत्नाकर तनहा द्वारा प्रेषित
प्रधान कार्यालय
भारतीय एकता संगठन
रामपुर करछना इलाहबाद -
काफी समय के बाद आप सब के बीच में संगठन की जानकारी के साथ हाज़िर हो रहा हूँ /
भारतीय एकता संगठन का वार्षिक बैठक १५ अगस्त को संपन्न सकुसल संपन्न हो गया भारतीय एकता संगठन की इस बार की बैठक में कुछ कर्यकर्तावो के पदों में फेरबदल किया गया तो कुछ नए सदस्यों का आगमन भी हुवा सब से पहले भारतीय एकता संगठन से जुड़ने वाले नए सदस्यों के नाम
०१- श्री शिव भूषण मिश्र निवासी -रामपुर करछना ०७- श्री शालिकराम प्रजापति - पिपराव
०२- श्री श्री पती मिश्र निवासी - रामपुर करछना ०८- श्री गोविन्द विशकर्मा -पिपराव
०३- श्री भूपेंद्र शुक्ल निवासी - देवरी कला भीरपुर ०९- श्रीमति उषा मिश्र - रामपुर
०४- श्री अनाम पाण्डेय निवासी - भामोखर १०- श्रीमती डाक्टर रचना निगम - प्रतापनगर
०५- श्रीमति शिरोमणि देवी - निवासी - रामपुर ११- कुमारी अमिता सिंह - लेबर कालोनी नैनी
०६- श्री जीतेन्द्र कुमार मिश्र निवासी सुल्तान पुर १२- कुमारी स्वीटी शुक्ल आनंद नगर नैनी
आप सभी सदस्यों का परिचय पत्र जल्द ही भेजा जा रहा हैं /
भारतीय एकता संगठन की कार्य कारिणी में भी हुए फेरबदल
पुराने पदाधिकारी का नाम पद का नाम नए पदाधिकारी का नाम
०१- श्री कमल त्रिपाठी कार्यालय प्रभारी श्री प्यारेलाल निषाद
०२- श्री संजय शुक्ल खजांची श्री श्री पति मिश्र
०३- श्री गोविन्द दुबे मंत्री श्री शिव भूषण मिश्र
अन्य पदाधिकारी पुराने पद पर बरक़रार रहेंगे / भारतीय एकता संगठन का पुस्तकालय सितम्बर से आम जनता के लिए खोले जायेगे
सौजन्य से -
श्री अजय उपाध्याय और श्री अशोक बेशरम
प्रकाशन मंत्री के सूचना पर
रत्नाकर तनहा द्वारा प्रेषित
प्रधान कार्यालय
भारतीय एकता संगठन
रामपुर करछना इलाहबाद -
Sunday, February 21, 2010
अपने को पहचानो
जरूर तुम्हारा कोई न कोई रोल मॉडल होगा, जिसके जैसा तुम बनना चाहते होगे। यकीनन तुम वैसा बन सकते हो, बस जरूरत है अपनी खूबी को पहचान कर प्लानिंग के साथ कोशिश करने की।
भारतीय एकता संगठन
मिर्ज़ापुर रोड रामपुर इलाहबाद
Monday, February 1, 2010
ज्वालामुखी ने समुद्र में मचाई थी तबाही
ज्वालामुखी विस्फोट के दंश धरती पर मौजूद जीवन सदियों से सहता आया है। अब एक नए शोध में दावा किया गया है कि करीब दस करोड़ साल पहले ज्वालामुखियों के कारण समुद्री जीवन का एक तिहाई हिस्सा नष्ट हो गया।
अब तक मौसम में बदलाव का कारण कार्बन डाई आक्साइड गैस को माना जाता था। 'द टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने पाया है कि ज्वालामुखी फूटने पर निकली सल्फर गैस से पर्यावरण में बदलाव आता है। यह समुद्र में आक्सीजन की कमी का सबसे बड़ा कारण है। इससे समुद्री जीवन की काफी क्षति हुई।
अध्ययन के अनुसार ज्वालामुखी की गतिविधियों के कारण बैक्टीरिया समेत 27 फीसदी समुद्री जीव विलुप्त हो गए। हालांकि सल्फेट समुद्री जीवन के लिए मुख्य पोषक तत्व नहीं है। लेकिन शोधकर्ताओं ने एक नई प्रणाली का सुझाव दिया है, यह समुद्री जीवों के लिए सहायक हो सकता है। शोध के निष्कर्षो को 'नेचर जियोसाइंस' पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
अब तक मौसम में बदलाव का कारण कार्बन डाई आक्साइड गैस को माना जाता था। 'द टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने पाया है कि ज्वालामुखी फूटने पर निकली सल्फर गैस से पर्यावरण में बदलाव आता है। यह समुद्र में आक्सीजन की कमी का सबसे बड़ा कारण है। इससे समुद्री जीवन की काफी क्षति हुई।
अध्ययन के अनुसार ज्वालामुखी की गतिविधियों के कारण बैक्टीरिया समेत 27 फीसदी समुद्री जीव विलुप्त हो गए। हालांकि सल्फेट समुद्री जीवन के लिए मुख्य पोषक तत्व नहीं है। लेकिन शोधकर्ताओं ने एक नई प्रणाली का सुझाव दिया है, यह समुद्री जीवों के लिए सहायक हो सकता है। शोध के निष्कर्षो को 'नेचर जियोसाइंस' पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
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