Monday, February 1, 2010

ज्वालामुखी ने समुद्र में मचाई थी तबाही

ज्वालामुखी विस्फोट के दंश धरती पर मौजूद जीवन सदियों से सहता आया है। अब एक नए शोध में दावा किया गया है कि करीब दस करोड़ साल पहले ज्वालामुखियों के कारण समुद्री जीवन का एक तिहाई हिस्सा नष्ट हो गया।
अब तक मौसम में बदलाव का कारण कार्बन डाई आक्साइड गैस को माना जाता था। 'द टाइम्स' की रिपोर्ट के मुताबिक एक अंतरराष्ट्रीय समूह ने पाया है कि ज्वालामुखी फूटने पर निकली सल्फर गैस से पर्यावरण में बदलाव आता है। यह समुद्र में आक्सीजन की कमी का सबसे बड़ा कारण है। इससे समुद्री जीवन की काफी क्षति हुई।
अध्ययन के अनुसार ज्वालामुखी की गतिविधियों के कारण बैक्टीरिया समेत 27 फीसदी समुद्री जीव विलुप्त हो गए। हालांकि सल्फेट समुद्री जीवन के लिए मुख्य पोषक तत्व नहीं है। लेकिन शोधकर्ताओं ने एक नई प्रणाली का सुझाव दिया है, यह समुद्री जीवों के लिए सहायक हो सकता है। शोध के निष्कर्षो को 'नेचर जियोसाइंस' पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

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